mercoledì 26 dicembre 2018

चर्चा में सिम्बा एक्ट्रेस सारा अली खान का लुक, यूं हुईं FAT से FIT

सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान ने बॉलीवुड में फिल्म केदारनाथ से कदम रखा. फिल्म को दर्शकों ने पसंद किया और सारा की अदाकारी क्र‍िटिक्स को खूब पसंद आई. अब सारा अली खान की दूसरी फिल्म स‍िम्बा 28 द‍िसंबर को र‍िलीज होने जा रही है. फिल्म में उनके अपोज‍िट रणवीर स‍िंह नजर आने वाले हैं. लेकिन ज‍िस बात की चर्चा सबसे ज्यादा है वो है उनका लुक.
वैसे तो सारा अली खान की डेब्यू से पहले ही सोशल मीड‍िया पर चर्चा शुरू हो गई थी. पहली वजह रही कि वो सैफ अली खान की बेटी हैं. दूसरी ये कि सारा ने खुद को ज‍िस तरह फैट से फ‍िट बनाया है. कई इंटरव्यू में भी सारा इस बात का ज‍िक्र का चुकी हैं कि उनके ल‍िए ऐसा करना आसान नहीं रहा.
सारा अली खान ने हाल ही में कई इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब वह कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती थीं. तब उनका वजन 90 किलो था. उनके लिए वजन घटाना संभव नहीं था, क्योंकि वे पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOD) बीमारी से जूझ रही थीं.
सारा ने कहा, इसकी वजह से हार्मोन्स भी डिस्बैलेंस हो जाते हैं, उस वक्त वजन घटाना एक बड़ा चैलेंज होता है, सारा के लिए भी यह काफी चैलेंजिंग था. जिस वक्त उन्हें अपनी बीमारी के बारे में पता चला उनका वजन 90 किलो था. अपनी इस बीमारी को बतौर चैलेंज लेते हुए सारा ने अपनी फिटनेस पर मेहनत शुरू की. सारा से कई इंटरव्यू में उनकी सेहत का राज पूछा गया तो उन्होंने बताया, मैं खाने की शौकीन हूं. यही वजह थी कि मेरा वजन इतना बढ़ गया था. सारा ने बताया, कई लोग सोचते हैं कि मैंने एक्ट्रेस बनने के ल‍िए वजन कम किया तो ऐसा नहीं है. सेहतमंद रहना आपके खुद के लिए बहुत जरूरी है. सारा की ये मेहनत पर्दे पर साफ नजर आ रही है. फैंस सारा अली खान की खूबसूरती के साथ उनकी बेबाकी के भी कायल हो चुके हैं.
मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक (Triple Talaq) से निजात दिलाने के लिए मोदी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. गुरुवार को एक बार फिर लोकसभा में  'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018' पर चर्चा हो सकती है. सरकार और विपक्ष के बीच इस विधेयक पर पिछले सप्ताह सदन में चर्चा के लिए सहमति बनी थी. बीजेपी और कांग्रेस ने लोकसभा के अपने सदस्यों को व्हिप जारी करके चर्चा के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा चुकी हैं.
गौरतलब है कि मोदी सरकार तीन तलाक बिल को पिछले साल लाई थी, बिल लोकसभा में चर्चा के बाद पास भी हो गया था. लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के विरोध के चलते वह बिल राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था.
विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों और उनके पतियों द्वारा एक बार में 'तलाक, तलाक, तलाक' बोलकर तलाक देने पर रोक लगाने के लिए मोदी सरकार ने तीन महत्वपूर्ण संशोधन के साथ दूसरी बार 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018' लाई है. सरकार इस विधेयक को पिछले हफ्ते पास कराना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा राफेल सौदे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच समेत अन्य मांगों को लेकर हुए हंगामे के चलते बिल पर चर्चा नहीं हो सकी थी.